salary hike: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को औपचारिक मंजूरी दे दी है। इस ऐतिहासिक निर्णय से देशभर के लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद लगा रहे हैं। 8वें वेतन आयोग के गठन से 48.67 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा।
वर्तमान में चल रहे 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त होने वाला है, जिसके बाद नए आयोग की सिफारिशें प्रभावी होंगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि नए आयोग को 2026 तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
फिटमेंट फैक्टर और वेतन वृद्धि की संभावनाएं
8वें वेतन आयोग की सबसे महत्वपूर्ण बात फिटमेंट फैक्टर है, जो वेतन वृद्धि का आधार निर्धारित करता है। 7वें वेतन आयोग के तहत, 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था, जिसके कारण केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स की बेसिक सैलरी में 2.57 से गुणा किया गया। इससे न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया था।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच हो सकता है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच हो तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 46 हजार 600 रूपए से 57 हजार 200 रूपए तक हो सकती है। यह वृद्धि लगभग 40 से 50 प्रतिशत तक हो सकती है, जो कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक राहत होगी।
एक्रोयड फॉर्मूले का महत्व
8वें वेतन आयोग के तहत भी 7वें वेतन आयोग की तरह ही मौजूदा इकोनॉमी कंडीशन को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन और पेंशन बढ़ोतरी के लिए एक्रोयड फार्मूले का उपयोग किया जाएगा। यह फॉर्मूला डॉ वालेस एक्रोयड द्वारा बनाया गया था और इसमें कर्मचारियों की पोषण संबंधी जरूरतों के आधार पर मजदूरी की गणना की जाती है।
इस फॉर्मूले के अनुसार, एक कर्मचारी, उनके जीवनसाथी और दो बच्चों के लिए न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वेतन निर्धारित किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि वेतन वृद्धि वास्तविक जीवनयापन की लागत के अनुपात में हो।
विभिन्न स्तरों पर अपेक्षित वेतन वृद्धि
वर्तमान व्यवस्था में केंद्रीय कर्मचारियों को लेवल 1 से लेवल 18 तक विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। चपरासी की सैलरी ₹51,480 और अफसर की ₹7.15 लाख तक हो सकती है। लेवल 1 में चपरासी और क्लर्क जैसे पद शामिल हैं, जिनकी वर्तमान न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये प्रतिमाह है।
नए आयोग के लागू होने पर यह राशि दोगुनी या उससे भी अधिक हो सकती है। उच्च स्तरों पर काम करने वाले अधिकारियों को भी समानुपातिक लाभ मिलेगा। लेवल 18 में शामिल कैबिनेट सेक्रेटरी जैसे शीर्ष पदों पर भी महत्वपूर्ण वेतन वृद्धि देखने को मिल सकती है।
कार्यान्वयन की समयसीमा और चुनौतियां
उम्मीद की जा रही है कि सरकार 1 जनवरी, 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करेगी। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस समयसीमा में देरी हो सकती है क्योंकि अभी तक आयोग में नियुक्तियां नहीं हुई हैं और संदर्भ की शर्तों की घोषणा भी नहीं की गई है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि 1 फरवरी, 2025 को पेश किए गए केंद्रीय बजट में 8वें वेतन आयोग के आवंटन का कोई जिक्र नहीं किया गया था। इससे कार्यान्वयन की समयसीमा पर प्रश्न खड़े होते हैं। फिर भी, यदि देरी होती है तो सरकार कर्मचारियों को पूरा बकाया राशि का भुगतान करेगी।
पेंशनभोगियों पर प्रभाव
8वें वेतन आयोग का लाभ केवल वर्तमान कर्मचारियों तक सीमित नहीं है बल्कि पेंशनभोगियों को भी इससे महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.6 से 2.85 के बीच हो तो सरकारी कर्मचारियों की पेंशन में 25 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है।
वर्तमान में न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये प्रतिमाह है, जो नई व्यवस्था में काफी बढ़ सकती है। यह वृद्धि रिटायर हो चुके कर्मचारियों के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी और उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार लाएगी।
8वें वेतन आयोग का प्रभाव केवल सरकारी कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। वेतन वृद्धि से कर्मचारियों की खरीदारी शक्ति बढ़ेगी, जिससे बाजार में मांग में वृद्धि होगी।
इससे विभिन्न क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों को बल मिलेगा और नौकरी के नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही, राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के लिए समान व्यवस्था लागू करने पर विचार कर सकती हैं, जिससे सम्पूर्ण सरकारी तंत्र में सकारात्मक बदलाव आएगा।
अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। 8वें वेतन आयोग की वास्तविक सिफारिशें और उनका कार्यान्वयन सरकारी निर्णयों पर निर्भर करता है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक स्रोतों से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।