ITR 2024-25: भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना अक्सर एक जटिल प्रक्रिया लगती है। जीवन के इस चरण में जब शांति और सुकून की अपेक्षा होती है, तब टैक्स संबंधी कार्यों की जटिलता कभी-कभी परेशानी का कारण बन जाती है। विशेष रूप से जब उन्हें विभिन्न छूटों और कटौतियों की पूरी जानकारी नहीं होती है।
सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों की इन समस्याओं को समझते हुए पुरानी कर व्यवस्था में कई विशेष प्रावधान किए हैं। यदि आपने 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुना है तो आप इन सुविधाओं का भरपूर लाभ उठा सकते हैं। इन प्रावधानों का सही उपयोग करके न केवल टैक्स की बचत की जा सकती है बल्कि वित्तीय योजना भी बेहतर बनाई जा सकती है।
आयु के आधार पर मिलने वाली विशेष छूट
वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे बड़ा फायदा यह है कि उन्हें सामान्य नागरिकों से अधिक आयकर छूट सीमा मिलती है। साठ से अस्सी वर्ष के बीच के नागरिकों को तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। वहीं अस्सी वर्ष से अधिक आयु के अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा पांच लाख रुपये है।
इसके अतिरिक्त यदि आपकी कुल कर योग्य आय पांच लाख रुपये तक है तो धारा 87ए के अंतर्गत पूर्ण टैक्स छूट का लाभ भी उठाया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि इस सीमा के भीतर आने वाले वरिष्ठ नागरिकों की टैक्स देनदारी पूर्णतः समाप्त हो जाती है। यह प्रावधान विशेष रूप से उन बुजुर्गों के लिए राहत की बात है जिनकी आय सीमित है।
पेंशन प्राप्तकर्ताओं के लिए विशेष सुविधा
पिचहत्तर वर्ष से अधिक आयु के वे वरिष्ठ नागरिक जिनकी आय केवल पेंशन और बैंक ब्याज तक सीमित है, उन्हें आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है। वे फॉर्म 12बीबीए भरकर उस बैंक में जमा कर सकते हैं जहां से उनकी पेंशन आती है। यह व्यवस्था उन बुजुर्गों के लिए अत्यंत सुविधाजनक है जो तकनीकी जटिलताओं से बचना चाहते हैं।
इस सुविधा का लाभ उठाने से न केवल समय की बचत होती है बल्कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की परेशानी से भी मुक्ति मिलती है। यह व्यवस्था विशेष रूप से उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाई गई है जिनकी आय के स्रोत सीमित और पारदर्शी हैं।
धारा 80सी के अंतर्गत बचत योजनाएं
पुरानी कर व्यवस्था में धारा 80सी के तहत डेढ़ लाख रुपये तक की कटौती का लाभ उठाया जा सकता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे उपयुक्त योजना वरिष्ठ नागरिक बचत योजना है। इस योजना में साठ वर्ष से अधिक आयु के नागरिक निवेश कर सकते हैं और अधिकतम तीस लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है।
वर्तमान में इस योजना में 8.2 प्रतिशत की आकर्षक ब्याज दर मिल रही है जो तिमाही आधार पर दी जाती है। इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि निवेश पर डेढ़ लाख रुपये तक की कर छूट मिलती है। हालांकि यदि सभी खातों से मिलने वाला कुल ब्याज पचास हजार रुपये से अधिक हो जाता है तो उस पर कर देना होगा।
स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा व्यय पर छूट
आज के समय में स्वास्थ्य बीमा की आवश्यकता और भी महत्वपूर्ण हो गई है। धारा 80डी के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिक अपने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर पचास हजार रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। यदि वरिष्ठ नागरिक अपने माता-पिता के लिए भी प्रीमियम का भुगतान करते हैं तो कुल छूट एक लाख रुपये तक हो सकती है।
जिनके पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है वे चिकित्सा खर्चों पर भी पचास हजार रुपये तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रावधान उन बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो नियमित चिकित्सा सेवाओं का उपयोग करते हैं।
बैंक जमा ब्याज पर अतिरिक्त छूट
धारा 80टीटीबी के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिक बैंक या डाकघर की बचत और सावधि जमा से प्राप्त ब्याज पर पचास हजार रुपये तक की अतिरिक्त छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से उन बुजुर्गों के लिए फायदेमंद है जो अपनी बचत बैंक जमा में रखते हैं।
इन सभी छूटों का सही उपयोग करके वरिष्ठ नागरिक अपनी कर देनदारी को काफी कम कर सकते हैं और अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बना सकते हैं।
अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। कर नियम और दरें समय-समय पर बदल सकते हैं। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे आयकर रिटर्न दाखिल करने से पहले योग्य कर सलाहकार से संपर्क करें या आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।